तनाव को अपने जीवन से कैसे खत्म करें?

 

भी के समय में तनाव एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है| आज का युग तनाव का युग ही बनकर रह गया है |तनाव का कारण चाहे कुछ भी हो.. परंतु इस समस्या का हल हमें निकालना ही होगा, नहीं तो यह तनाव विश्व में अशांति ला सकती है | यदि हम सुख व शांति से जीवन जीना चाहते हैं तो हमें इस समस्या का हल करना ही होगा|

तनाव क्या है:-

हमारे शरीर में रोग- निरोधक शक्ति होती है, जो की रोगों से हमारी रक्षा करती है| जब भी बाहर से कोई संक्रमण होता है तो हमारी यह शक्ति रोगों से हमें बचाती है| लेकिन यदि बाहरी संक्रमण ज्यादा शक्तिशाली है और हमारी क्षमता कम है तो हमें बीमारी लग सकती है| इसी प्रकार हमारे अंदर एक मानसिक शक्ति भी है, जो की जीवन में आने वाली समस्याओं, प्रतिकूल परिस्थितियों, उलझन का सामना करती है| यदि यह सब हमारी आंतरिक शक्ति से ज्यादा शक्तिशाली हो जाए तो तनाव की स्थिति पैदा हो जाती है, इसे ही हम चिंता, शोक, फ़िक्र आदि भी कह सकते हैं..
जैसे एक व्यक्ति की आमदनी 10000 है और उसकी आवश्यकता 15000 की है या किसी अन्य कारण से जैसे बीमारी आदि से अचानक खर्चा ज्यादा हो जाए तो उसे कुछ सोचना पड़ेगा| इसी प्रकार प्रत्येक व्यक्ति के अंदर किसी हद तक सहनशक्ति सकती होती है| उसका शिक्षा का स्तर या शारीरिक शक्ति, बौद्धिक शक्ति किसी हद तक ही होती है| यदि किसी कारणवश चाहे परिवार में संबंधों की कड़वाहट या ऑफिस में सहकर्मियों के कारण या किसी अन्य प्रकार से परिस्थितियां हमारी सहनशक्ति से बाहर हो जाए तो भी तनाव की स्थिति पैदा हो जाती है|

अपने तनाव को कम करने के लिए 7 उपाय अवश्य करें:-

 

  1. मेडिटेशन (ध्यान) नियमित करें :-
    रोज सुबह उठते ही मेडिटेशन (ध्यान) करने से मन शांत रहेगा.. इससे तनाव कम होगा|
  2. प्राणायाम योगासन नियमित करें:-
    प्राणायाम करने से हमारा मन शांत रहता है.. तनाव धीरे-धीरे कम होते जाता है|
  3. मॉर्निंग वॉकिंग नियमित करें:-
    इससे सुबह की ताजी हवा और प्राण वायु हमें पूरा दिन ताजा और एनर्जेटिक बनाए रखती है जिससे मन शांत रहता है और हम तनाव से मुक्त रहते हैं|
  4. आध्यात्मिक गीत या ओम ध्वनि सुने:
    जब सुबह हम आध्यात्मिक गीत या ओम ध्वनि सुनते हैं तो इससे हमारा मन शांत रहता है और पूरे दिन हम खुश रहते हैं|
  5. मन का अवलोकन करें:-
    दिन में जब भी समय मिले मन का अवलोकन अवश्य करें.. अवलोकन करने से हम अपने मन को समझ पाते हैं, अगर हमारे मन में नेगेटिव थॉट्स चल रहा है तो हम उसे पॉजिटिव थॉट्स में चेंज कर पाते हैं..
    इससे हम अपने मन को शांत और खुशनुमा बना सकते हैं|
  6. गॉड के नाम से पत्र या डायरी सोते टाइम जरूर लिखें:-
    ऐसा करने से हम जब सारे दिन की बातों को एक पत्र में शेयर करेंगे तो हमारा मन हल्का और तनाव, चिंता से मुक्त रहेगा| 
  7. अच्छी नींद ले:-

हमें साथ 7 या 8 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए..अच्छी नींद लेने से हम खुद को बहुत फ्रेश शक्तिशाली अनुभव करते हैं..जिससे हमारा पूरा दिन बहुत खुशी में बितता है| 


* तनाव का निवारण कैसे करें:-     तनाव को दूर करने के लिए या तो हम अपनी आंतरिक शक्ति को बढ़ाएं या बाहरी दबाव को कम करें| हम अपनी सहनशक्ति बढकर ज्ञान, योग की अभ्यास से स्वयं को संतुलित कर ले, फिर हम तनाव से मुक्ति पा सकते हैं| यदि परिस्थितियों लगातार चलती रहे और हम तनाव में ही रहे जैसे- आपसी कलह -क्लेश, बिजनेस में लॉस,ऑफिस में बॉस से अनबन, इच्छाओं की पूर्ति न होना या लंबी बीमारी आदि.. तो हमारे दिल व दिमाग पर भी तनाव प्रभाव डालने लग जाता है| फिर डिप्रेशन के चिन्ह जैसे- उदासी आना, किसी भी कार्य में मन ना लगना आदि.. पैदा होने लगते हैं| अतः हमें तनाव को दूर करने का प्रयत्न करते रहना चाहिए                                                                                                    

  * तनाव के प्रति अपना दृष्टिकोण बदले:-

किसी भी समस्या या परिस्थिति का भारीपन या हल्कापन, उसे बड़ा बनाना या छोटा बनाना इस बात पर निर्भर है कि हम  किसी घटना को किस दृष्टिकोण से लेते हैं| यदि हम अपनी दृष्टिकोण को बदले और यह समझ लें कि यह समस्या हमारे अच्छाई व कल्याण के लिए ही होगी तो इससे हमें कुछ  सीखने को ही मिलेगा या यह परिस्थिति हमारी कमी, कमजोरी को निकालने के लिए आई है ,तो हमें तनाव न होकर उसमें अच्छाई ही नजर आएगी|

  • असफलता को स्वीकार न करें:-

मान लीजिए कि आप किसी रास्ते पर चल रहे हैं| रास्ते में चलते-चलते आपका पांव फिसल जाता है और गिर जाते हैं तो आप क्या करेंगे? क्या आप चलना छोड़ देंगे या उठकर अपने कपड़े झड़ेंगे और फिर से शुरू कर देंगे चलना इसी प्रकार जीवन में कई बार असफलताओं का सामना करना पड़ता है यदि आप असफलताओं को स्वीकार करके हतोत्साहित होकर, दुःखी होकर, उदास होकर बैठ जाएंगे, तो आप जीवन में उन्नति नहीं कर सकेंगे|
अतः हमें असफलता को ना स्वीकार करके बल्कि और ही हिम्मत से आगे बढ़ने का ही सोचना चाहिए| जैसे हर ताले की चाबी होती है, वैसे हर समस्या का भी हल अवश्य होता है|सही दिशा में मेहनत करते रहने पर कभी ना कभी सफलता अवश्य ही मिलती है।

  • जीवन  एक प्रयोगशाला है:-जिस प्रकार हम किसी लैब में किसी चीज का प्रयोग के लिए एक टेस्ट ट्यूब लेकर उसमें कुछ केमिकल्स डालते हैं फिर जो प्रक्रिया करनी होती है| वह की जाती है..इसके बाद जो नया केमिकल बनता है, वह नई खोज के रूप में हमें प्राप्त होता है, इसी प्रकार जीवन में “समय” हमारी टेस्ट ट्यूब है| इसमें आप अपनी समस्या को डाल दीजिए, फिर समस्या का हल निकालने के लिए उस पर विचार कीजिए, कुछ दिनों बाद समस्या का हल अवश्य ही मिल जाएगा|
  • समस्याओं को स्वीकार कर उनसे समझौता करें:-

कई बार समस्याओं का कोई हल नहीं होता जैसे लंबी बीमारी, अंगहीनता या परिवार में किसी सदस्य का व्यवहार या ऑफिस में किसी व्यक्ति का व्यवहार आदि.. ऐसी बातों को हमें स्वीकार करना पड़ता है, अपनाना पड़ता है और उन्हें साथ लेकर चलना ही पड़ता है|
जैसे यदि आप कहीं सफर कर रहे हैं, तो आपके पास अपनी बैग, ट्रॉली, अटैची होती है चाहे वह कितनी भी भारी हो आप उसे उठेंगे ही| ऐसे ही आप उन समस्याओं को जीवन रूपी यात्रा की अटैची, बैग समझ लीजिए और यात्रा पर चलते रहिए.. इसी से हम अपने जीवन से तनाव को हमेशा के लिए मुक्त कर सकते है, अर्थात् जीवन की किसी समस्या के नकारात्म पक्ष ना देखे बल्कि सकारात्मक पक्ष देखे जिस से जीवन तनाव मुक्त रहेगा।

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