विद्यार्थी जीवन में एकाग्रता व मौन में निकट संबंध-

क्या हम जानते हैं एकाग्रता व मौन में में निकट संबंध है-

एकाग्रता व मौन में निकट का संबंध है| किसी कार्य में जैसे-जैसे एकाग्रता बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे व्यक्ति मौन में गहरा उतरता जाता है| कार्य के प्रति लगन, निष्ठा, एकाग्रता एवं मौन से कार्य कम समय में पूरा हो जाता है|
एकाग्रता की एक मिसाल “स्पेस- एक्स” अंतरिक्ष अभियान के संस्थापक एवं टेस्ला कार कंपनी के मालिक एलन मस्क भी कहते हैं | उसे बचपन में पुस्तक के अध्ययन का शौक था| वह पुस्तक में इतना एकाग्र हो जाता था कि उसे मां के पुकारने का भी पता नहीं चलता था| उसकी मां को बाद में यह समझ में आ गया कि मेरा पुत्र एकाग्रता की प्रकाष्ठा रखता है, जिससे वह अपने कार्य में इतना मशगूल हो जाता है कि उसे आसपास का कुछ भी सुनाई नहीं देता|
छात्र जीवन में एक बार एलन मस्क स्ट्रीट लाइट के नीचे बैठकर पुस्तक पढ़ रहा था| सड़क से एक बारात- पार्टी बैंड- बाजे के साथ गुजारी थोड़ी देर में एक व्यक्ति वहां आया और एलन मस्क से पूछा की बारात -पार्टी इधर से जा चुकी है क्या?

एलन ने कहा कि मैं पढ़ रहा था अतः कौन आया गया इसकी मुझे जानकारी नहीं है| ऐसी एकाग्रता मौन के गर्भ से ही पैदा होती है|

1 thought on “विद्यार्थी जीवन में एकाग्रता व मौन में निकट संबंध-”

Leave a Comment