आज -कल विद्यार्थी के अंदर एक बहुत बड़ी कमजोरी पाई जाती है एकाग्रता का अभाव, एकाग्रता में कमी, मन बहुत भटकता है | किसी भी कार्य क्षेत्र में सफलता का आधार एकाग्रता है, चाहे रिसर्च करना हो,व्यवसाय करना हो, कोई सेवा करनी हो, कृषि कार्य, पढ़ाई में अच्छे अंकों से पास होने का आधार भी एकाग्रता है…चाहे एक बहन घर में खाना ही क्यों ना बना रही है- भोजन बनाते समय भी एकाग्रता चाहिए, नहीं तो नमक के बदले चीनी डल जाएगा| जिसको एकाग्रता की शक्ति प्राप्त हो जाए उनको अनेक सिद्धियां मिल जाती है| एकाग्रता जीवन की हर फील्ड में जरूरी है| मन इधर-उधर भटक रहा हो तो कुछ का कुछ होगा| मन जितना ज्यादा भटकता है ब्रेन की शक्तियां उतनी ही छिन होती है| मन भटकने से हमारी इम्यूनिटी भी कमजोर पर जाती है|
एकाग्रता क्या है:-
मन पर बुद्धि का संपूर्ण नियंत्रण अर्थात हम मन को जहां, जिस विषय पर, जितना समय लगाना चाहे उतना समय मन उसी विषय पर लगा रहे| मन व बुद्धि एक ही दिशा में साथ-साथ कार्य करते रहे, यही वास्तविक एकाग्रता है| एकाग्रता से मन की स्थिरता आती है, स्थिरता से अस्पष्टता आती है| जैसे समुद्र के पानी में स्थिरता है, तभी परछाई दिखाई देती है | इसी प्रकार, मन रूपी सागर में विचारों की स्थिरता होने से बुद्धि सभी कुछ देखने, जानने में सक्षम हो जाती है|
विद्यार्थी जीवन में एकाग्रता के गुण का महत्व:-
पढ़ाई में एकाग्रता के गुण का बहुत महत्व है| हम कितना समय पढ़ाई करते हैं, यह महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन हम कितना समय एकाग्र रहते हैं, यह महत्वपूर्ण है अगर हम पूरी रीती एकाग्र होकर पढ़ाई करते हैं तो हम कम समय और कम मेहनत में सफलता प्राप्त कर सकते हैं|
हम एकाग्रता की शक्ति को एक छोटी सी कहानी से समझ सकते हैं:-
एक बार एक गांव में पानी की कमी हो गई| उस गांव में एक महात्मा जी आए| गांव वाले ने अपनी समस्या उनके सामने रखी| महात्मा जी ने कहा इस स्थान पर गड्ढा खोदो, पानी जरूर निकलेगा लोगों ने कुआं खोदना शुरू किया| गड्ढा थोड़ा ही खुदा था कि पानी न मिलने से वह निराश हो गए| इस स्थान पर थोड़ी दूरी पर उन्होंने दूसरा गड्ढा किया| खोदते- खोदते थक गए लेकिन पानी नहीं निकला तो उन्होंने तीसरे स्थान पर गड्ढा खोदा, वहां भी ऐसा हुआ| पाँच-छः स्थानों पर ऐसी खुदाई करने से जब कुछ ना मिला तो वह महात्मा जी के पास गए|
महात्मा जी ने कहा-अरे मूर्ख तुमने पाँच-छः थोड़े-थोड़े गड्ढे खोदे, इससे अच्छा एक ही गड्ढा पूरी गहराई तक खोदते तो क्या पानी नहीं मिलता |
कहने का भाव यह है कि जो भी कार्य हमें मिले, उसे पूरी तन्मयता व समर्पण भाव से करें, दिल से करें उस कार्य के अलावा अन्य विचार ना आए यही एकाग्रता है|
इसे हम एक उदाहरण से समझ सकते हैं :-
आप पढ़ने बैठे हैं आपकी टेबल पर चार-पांच विषयों की किताबें रखी हैं| अगर आपका मन एकाग्र नहीं होगा तो कभी आप हिंदी विषय पढ़ेंगे, थोड़ी देर में अंग्रेजी विषय लेकर बैठ जाएंगे तो क्या होगा? आप एक भी विषय ठीक से नहीं पढ़ पाएंगे और समय व्यर्थ चला जाएगा|
एकाग्रता से लाभ:-
सूर्य की किरणें हम सभी को मिलती है जिससे पूरे विश्व की गतिविधियां चलती है लेकिन इन्हीं सूर्य की किरणों को एकाग्र किया जाए तो यह सौर ऊर्जा के रूप में बदल जाती है| इसी सौर ऊर्जा से पानी गर्म कर सकते हैं ,भोजन बना सकते हैं, बिजली उत्पन्न कर सकते हैं|
हमारी एकाग्रता हमें निम्नलिखित लाभ प्रदान करती है :-
1) स्मरण शक्ति बढ़ती है|
2) कम समय में प्राप्ति ज्यादा होती है|
3) अभ्यास में रुचि बढ़ती है|
4) पढ़ाई में अच्छे नंबर आते हैं|
5) कार्य कुशलता बढ़ती है|
6) मेहनत कम लगती है|
7) लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं|
8)शोरगुल में भी कार्य कर सकते हैं|
एकाग्रता बढ़ाने की विधि:-
- मेडिटेशन(ध्यान) और योग का अभ्यास नियमित करें|
- टीवी से बचे.. अब्दुल कलाम जी ने अपने विद्यार्थी जीवन में कभी टीवी नहीं देखा था, इसलिए वह इतने महान वैज्ञानिक और आदर्श राष्ट्रपति बने|
- व्यर्थ नेगेटिव बातों में समय नहीं गवाएं |
- अच्छी किताबें पढ़ें|
- प्रतिदिन थोड़ा समय साइलेंस में रहे|
- सुबह उठकर योगासन करें, ओम(ॐ) की ध्वनि करें।