विद्यार्थी जीवन बड़ा ही नाजुक जीवन होता है| उस समय पर उन्हें जो राह दिखाएंगे वो उसी राह पर चलने लगेंगे| इसलिए इस जीवन में सही राह चुनने के लिए, सही राह बताने के लिए, जीवन को अच्छा बनाने के लिए सही व्यक्ति का संग और सही गाइड की अति आवश्यकता होती है|
कहां जाता है “स्टूडेंट लाइफ इज़ द बेस्ट लाइफ” आपने यह कहावत जरुर सुना होगा| मनुष्य अपने व्यक्तित्व यानी पर्सनालिटी का निर्माण करता है, वो अपने पूरे जीवन के बीज डालता है इसमें| सफलता, असफलता कैसे करियर रहेगा, खुशी में जीवन बीतेगा या चिताओं में बीतेगा| छोटी-छोटी बातों में टेंशन होगी या खुशनुमा रहेंगे तो इन सबका आधार है हमारा सुंदर चिंतन| पॉजिटिव भी, प्युअर चिंतन भी, कहीं पावरफुल थिंकिंग भी, जो ज्ञान योग के मार्ग पर चलते हैं वो इस शब्द को अच्छी तरह समझते हैं| हमें पॉजिटिव थिंकिंग पर ध्यान देना है| हमारी थिंकिंग पावरफुल भी हो ताकि हम निराश ना हो, हम हार ना मान जाए, क्योंकि पॉजिटिव चिंतन ही हमारे उज्जवल भविष्य का निर्माण करेगा|
सबसे महत्वपूर्ण चीज तो यह है कि हमें अपनी बुद्धि का विकास करना है| इसके लिए विद्यार्थियों को सवेरे उठकर प्रैक्टिस भी करनी है.. जब भी आप उठो, जल्दी उठेंगे तो और अच्छा इफ़ेक्ट होगा| उठते ही पांच बार संकल्प करें.. मैं बुद्धिमान हूं, एकदम विश्वास से कि मैं बुद्धिमान हूं, मैं जो पढ़ूंगा या पढ़ूंगी मुझे सब याद रहेगा, मैं बुद्धि की मालिक हूं, बुद्धि पर मेरा कंट्रोल है- है बुद्धि जो मैं पढ़ूं सबको ग्रहण कर लेना तो देखना कितना अच्छा रिजल्ट होगा| तो ना तो नर्वस होना, ना कमजोर पड़ना |ऐसे नहीं एग्जाम देने के लिए बैठे पेपर हाल में अब बैठ तो गए लेकिन लंबा- चौड़ा पेपर देखकर घबरा गए| पहले 1-2 क्वेश्चन देखकर मान लो नहीं आते तो मन घबराता है| बच्चों में नर्वसनेस आती है| छोटी आयु होती है- कोई 20 साल का, कोई 22 साल का| थोड़ा-सा स्टेबल करें अपने को 15 सेकंड शांत में बैठ जाएं| फिर अपने भगवान(गॉड) को याद करें आप हमारे साथ हो, बुद्धिमानों के बुद्धिमान, बुद्धि दाता हो आप| सफलता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है यह संकल्प करो| फिर शांत भाव से लिखना शुरू करें| नर्वसनेस से शुरू करते हैं फास्ट गति चला देते हैं मन की, तो गड़बड़ बहुत होती है| कई बच्चे बोलते हैं कि हमें तो सब याद था लेकिन हम सब गड़बड़ कर आए| हमें कोई जल्दीबाजी नहीं करनी है एकदम धैर्यपूर्वक, शांतिपूर्वक|
एग्जाम से पहले यह नहीं सोच लेना की बहुत कम समय है क्वेश्चन बहुत है, नहीं तो व्यर्थ संकल्पों की रफ्तार शुरू हो जाएगी और एग्जाम देने के बाद यह भी नहीं सोचा कि पता नहीं रिजल्ट कैसा आएगा| आप रिजल्ट को भी अब से ही वाइब्रेशन देने शुरू कर दो और वाइब्रेशन जाएंगे आपकी पॉजिटिव थिंकिंग से| मेरा एग्जाम क्लियर हो गया है| कंप्यूटर देख रहे हैं, मेरा रॉल नंबर लिखा हुआ है| एक बात और जो बहुत इंपॉर्टेंट है- आइए इसे एक कहानी से समझते हैं:-
एक लड़के ने बी.ए, बी.टेक. कर लिया| तब कोरोना भी आ गया था तो 6 साल हो गए नौकरी भी नहीं मिली| फिर उसके फादर की कोरोना से मृत्यु हो गई तो उसे क्लेरिकल जॉब मिल रही थी| उसके मन में दुविधा होने लगी कि मैं क्लर्क बनूं ? है तो गवर्मेंट की जॉब लकिन लोग क्या कहेंगे बी.टेक. करके बाबू बन गया | लेकिन 6 साल से कोई रोजगार नहीं है| मन पर कितना बुरा असर पड़ता है| इसलिए लोग क्या कहेंगे इस बारे में सोच- सोच कर ज्यादा नेगेटिव, व्यर्थ चिंताएं यह सब नहीं पालनी है| फिर वो सोचा कुछ समय के लिए ये क्लर्क वाली जॉब ज्वाइन कर लेनी चाहिए, छोड़ना तो अपने हाथ में होता है और दूसरी तरफ दूसरी एग्जाम की भी तैयारी साथ- साथ करनी चाहिए और कहीं भी अप्लाई भी कर देनी चाहिए.. मेरा मन शांत स्थिति में आ जाए और वही जॉब में कुछ पैसा भी मिलेगा| मेरा टाइम भी सफल होगा..
समय पर मनुष्य को जो कुछ मिले उसको लेकर आगे बढ़ जाना चाहिए| इससे एक द्वार खुला है फिर आगे बढ़कर हो सकता है चार द्वार खुले हुए और नजर आए आ जाए तो निराशा के द्वारा बंद करके बहुत पॉजिटिव रहते हुए, स्वयं को मुक्त करके सभी विद्यार्थी अपनी मनोस्थिति अच्छी बनाएं| याद रखेंगे आपका मन जितना सुंदर विचारों में होगा सफलता उतनी आपके पीछे परछाई की तरह आएगी|