एक ही विचार बार-बार आना और सोचते रहना

सोच समझ कर सोचना चाहिए…सोच ही सब कुछ है! सोच ही हमारे जीवन का आधार है…

सोच है तो मनुष्य है, मनुष्य है माना की सोच है| जहां सोच नहीं, फीलिंग नहीं, संवेदनाएं नहीं, वो तो मानो चलता-फिरता मुर्दा मात्र ...

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